NATURES COMMON SCIENCE LLP

  

1. Nature’s Common Science ( NCS)  ( परिचय )

NCS उस खोज से प्राप्त हुआ है जिस खोज के द्वारा हमारी प्रकृति और जीवो को व्यवस्थित रखने वाले विज्ञान की कार्यप्रणाली के कुछ भाग को समझ लिया गया। प्रकृति और जीवो को व्यवस्थित रखने वाले इस विज्ञान को प्रकृति की व्यवस्थित उर्जा (Systematic energy of nature) कहा गया

यह चेतनावान अभौतिक ऊर्जा पृथ्वी के लंबे जीवन काल और व्यवस्थित ऊर्जा परिवर्तन के लिए प्रकृति में उपस्थित सभी घटकों का आवश्यकता अनुसार निर्माण ,निर्धारण एवं नियंत्रण करती है। इस अभौतिक अवस्था का अस्तित्व भौतिक अवस्था से बड़ा है। क्योंकि भौतिक अवस्था का अस्तित्व निश्चित समय के लिए होता है। परंतु अभौतिक अवस्था का अस्तित्व अनंत तक होता है।

 जीव को भौतिक शरीर प्राप्ति इस Equation पर निर्भर करती है।  (विस्तार theory-1) 

 

Me + Le+ + (Ne+ × 2)

.  Se + Pe   =  —————————Result Example( 100 = 60)

Le- + (Ne- × 2)

NCS वहाँ से शुरु हो रहा है जहाँ वर्तमान मानव विज्ञान अपनी सीमा दर्शा चुका है। हमारे ग्रह पृथ्वी की भौतिक दशा बिगडती जा रही है। वर्तमान का प्रतिएक इंसान इस वास्तविकता को समझ चुका है कि इन परिस्तिथियो में हमारा ग्रह इंसान को अगले 40 से 50 वर्ष नही झेल पायेगा। पृथ्वी के 4.6 बिलियन वर्ष के इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है कि यहां का सबसे बुद्धिमान एवं कार्यकुशल जीव इंसान अपना ग्रह छोड़कर भागने पर विवश हो गया है। इसका कारण यह है कि इंसान खुद को अधिक बुद्धिमान समझते रहेपरंतु वास्तव में इंसान इतने बुद्धिमान नही थे कि प्रकृति निर्माण के कारण को समझ पातेऔर जिन्होंने कुछ हिस्से को समझा उन्हे अधिक महत्व नहीं दिया। इंसान यह भी नही समझ सके कि प्रकृति में हमारा अस्तित्व क्या हैयदि अभौतिक विज्ञान की यह जानकारी हमें लगभग 100  वर्ष पहले मिल गई होती तो आज इंसान पर्यावरण की बेहतर अवस्था और इंसानी व्यवस्था में सुरक्षित जीवन जी रहे होते।